हिंदुस्तान मिरर: अलीगढ़, 28 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के धर्मशास्त्र संकाय के पूर्व डीन और प्रख्यात इस्लामी विद्वान प्रोफेसर एम सऊद आलम कासमी को उनकी असाधारण शैक्षिक और अकादमिक सेवाओं के लिए जयपुर स्थित जामियतुल हिदायह द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
पुरस्कार प्रदान करने के दौरान जामियतुल हिदायह के रेक्टर मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने प्रोफेसर कासमी की विद्वता और योगदान की सराहना करते हुए कहा, “प्रोफेसर एम सऊद आलम कासमी की पुस्तकें ‘भारत का खजाना’ हैं। उन्होंने इस्लामी धर्मशास्त्र और सामाजिक अध्ययनों में जो योगदान दिया है, वह अनुकरणीय है। युवा विद्वानों को उनकी अकादमिक विरासत से प्रेरणा लेनी चाहिए।”
प्रो. कासमी की उपलब्धियाँ
प्रोफेसर कासमी वर्तमान में एएमयू से प्रकाशित होने वाली प्रसिद्ध पत्रिका तहजीबुल अखलाक के संपादक हैं। उन्होंने अंग्रेजी, उर्दू और अरबी भाषाओं में कुल 40 किताबें लिखी हैं और 400 से अधिक शोध लेख प्रकाशित किए हैं।
एक प्रसिद्ध वक्ता और विद्वान के रूप में उन्होंने एएमयू में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। इसके अतिरिक्त, वे देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित अकादमिक संस्थानों और संपादकीय बोर्डों के साथ भी जुड़े रहे हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
मौलाना मुजद्दिदी ने कहा, “प्रोफेसर कासमी की विद्वता और विचारशीलता नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी पुस्तकों और लेखों में सामाजिक और धार्मिक विषयों की गहन व्याख्या मिलती है, जो समाज को नई दिशा देने में सहायक हैं।”
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने इस उपलब्धि पर प्रोफेसर कासमी को बधाई दी और उनके योगदान की सराहना की। इस सम्मान ने न केवल एएमयू बल्कि पूरे शैक्षणिक जगत को गौरवान्वित किया है।