पश्चिमी विक्षोभ से दिल्ली में बारिश

दिल्ली में जगह-जगह पर कल रात से बारिश और बूँदाबाँदी हो रही है। लेकिन ये मौसम तो मानसून का नहीं है। सर्दी का है। फिर बारिश कैसे हो रही है!!! क्या सर्दी में भी मानसून आने लगा है! नहीं।

ये बारिश पश्चिमी विक्षोभ के कारण है। क्या है ये पश्चिमी विक्षोभ?

पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) एक मौसमी प्रणाली है, जो आमतौर पर भूमध्य सागर के क्षेत्र से उत्पन्न होती है और भारत के उत्तरी तथा उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में मौसम को प्रभावित करती है। यह प्रणाली भारत में ठंड के मौसम में सक्रिय होती है और कई बार बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी का कारण बनती है।

1. बारिश: दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होती है, जिससे ठंडक में वृद्धि हो सकती है।

2. तापमान में गिरावट: बारिश और बादलों के कारण दिन और रात के तापमान में गिरावट होती है।

3. कोहरा: बारिश के बाद अक्सर सुबह के समय घना कोहरा छा सकता है।

4. वायु गुणवत्ता में सुधार: बारिश से वायु में मौजूद धूल और प्रदूषण के कण नीचे बैठ जाते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।

पश्चिमी विक्षोभ कैसे काम करता है?

पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) एक वायुमंडलीय प्रक्रिया है जो भूमध्य सागर, कैस्पियन सागर, और काला सागर के क्षेत्रों से उत्पन्न होती है और भारत के उत्तर और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में मौसम को प्रभावित करती है। इसका मुख्य काम ठंड के मौसम में बारिश, बर्फबारी और ओलावृष्टि लाना है। आइए समझते हैं कि यह कैसे काम करता है:

1. उत्पत्ति और गति

• पश्चिमी विक्षोभ का जन्म तब होता है जब भूमध्य सागर और उसके आस-पास के क्षेत्रों से नम हवा उत्तर-पश्चिमी हवा के साथ मिलती है।

• यह विक्षोभ उच्च दबाव वाले क्षेत्रों से निम्न दबाव वाले क्षेत्रों की ओर यात्रा करता है।

• जेट स्ट्रीम्स (तेज चलने वाली ऊपरी वायुमंडलीय हवाएँ) इसे भारत की ओर खींचती हैं।

2. भारत में प्रवेश

• यह प्रणाली भारत के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में हिमालय की ओर पहुँचती है।

• जैसे ही यह ठंडे क्षेत्रों से टकराती है, यह नमी छोड़ने लगती है, जिससे बारिश, बर्फबारी और कभी-कभी ओलावृष्टि होती है।

3. प्रभाव क्षेत्र

उत्तर भारत: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश।

पश्चिम भारत: पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और दिल्ली में बारिश।

उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र: हल्की बारिश और तापमान में गिरावट।

4. मौसम पर प्रभाव

• ठंड के मौसम में पश्चिमी विक्षोभ बारिश और बर्फबारी का मुख्य स्रोत है।

• इसके कारण खेती पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, खासकर रबी फसलों (जैसे गेहूँ) के लिए।

• इसके विपरीत, कभी-कभी अत्यधिक बारिश या ओलावृष्टि फसलों को नुकसान पहुँचा सकती है।

• यह ठंडी लहरों (Cold Waves) और कोहरे की स्थिति को भी जन्म दे सकता है।

5. सामान्य अवधि

पश्चिमी विक्षोभ आमतौर पर अक्टूबर से मार्च के बीच सक्रिय रहते हैं, लेकिन इसका सबसे अधिक प्रभाव दिसंबर के अंत, जनवरी और फरवरी के महीनों में देखा जाता है।

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