राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि “हर दिन नया मामला उठाया जा रहा है, यह जारी नहीं रह सकता”, पर विवाद खड़ा हो गया है।
प्रसिद्ध संत और धार्मिक गुरु रामभद्राचार्य ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मोहन भागवत एक संगठन के संचालक हैं, वे हिंदू धर्म के संचालक नहीं हैं। उनका बयान अदूरदर्शी है और यह उनकी व्यक्तिगत सोच हो सकती है।”
रामभद्राचार्य ने भागवत पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, “ऐसे बयान हिंदू समाज के हित में नहीं हैं। मोहन भागवत अपनी राजनीति कर रहे हैं और उनके इस तरह के बयान को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।