निलंबित एसआई पर गंभीर आरोप: रोहिंग्या महिलाओं के जरिए वसूली और जमीन हड़पने का खेल

निलंबित एसआई पर गंभीर आरोप: रोहिंग्या महिलाओं के जरिए वसूली और जमीन हड़पने का खेल

सहारनपुर, 24 फरवरी। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक निलंबित एसआई (सब-इंस्पेक्टर) पर रोहिंग्या महिलाओं के सहारे अवैध वसूली और संपत्ति हड़पने का गंभीर आरोप लगा है। हरियाणा के जगाधरी निवासी रामपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस पूरे गिरोह की शिकायत की है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। आरोप है कि यह एसआई एक संगठित गैंग के साथ मिलकर लोगों की जमीनों पर कब्जा कर रहा है और झूठे मुकदमों के जरिए करोड़ों की वसूली कर चुका है।

रोहिंग्या महिलाओं को गैंग में शामिल कर वसूली का खेल

शिकायतकर्ता रामपाल ने अपने पत्र में बताया कि निलंबित एसआई ने अपने गैंग में कुछ रोहिंग्या महिलाओं को शामिल कर रखा है। इन महिलाओं के आधार कार्ड दिल्ली और बागपत से बने हैं, लेकिन वे मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली हैं। एसआई इन महिलाओं का इस्तेमाल झूठे मुकदमे दर्ज कराने और धमकी देकर पैसे वसूलने में कर रहा है। आरोप है कि इस गैंग के संबंध कुख्यात हसन गैंग से भी हैं, जिसके बल पर ये लोग जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं।

दिल्ली-एनसीआर में करोड़ों की वसूली का आरोप

रामपाल ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि इस गिरोह ने दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और हरियाणा में झूठे मुकदमों और फर्जी शिकायतों के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की है। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश निवासी मजाहिर अब्बास से 25 लाख रुपये धमकी देकर वसूले गए। इसी तरह, हरियाणा के अंबाला निवासी सुमित से भी बड़ी रकम ऐंठी गई। गैंग की महिलाएं पुलिस और कोर्ट में झूठे बयान देती हैं और इसके बदले में पीड़ितों से मोटी रकम वसूली जाती है।

पूर्व एमएलसी के परिवार पर झूठे मुकदमे का आरोप

आरोप है कि निलंबित एसआई ने अपने गैंग के साथ मिलकर एक पूर्व एमएलसी और उनके परिवार की करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेजों में कूटरचना कर उन्हें हड़प लिया। इतना ही नहीं, इनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराकर जेल भी भिजवा दिया। एसआई और उसके गिरोह पर करीब 200 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।

मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग

रामपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस पूरे मामले की गहराई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कमिश्नर, जिलाधिकारी, एसएसपी और डीजीपी को भी पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच हुई, तो निलंबित एसआई और उसके गैंग की धोखाधड़ी और अवैध वसूली का पूरा सच सामने आ जाएगा।

प्रदेश में इस तरह के संगठित अपराधों को लेकर प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री के स्तर पर की गई इस शिकायत पर क्या कार्रवाई होती है।

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