हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़ 6 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की उर्दू अकादमी द्वारा आयोजित ‘उर्दू भाषा एवं साहित्य शिक्षणः आधुनिक शिक्षण पद्धतियां एवं संभावनाएं’ शीर्षक से सप्ताह भर चलने वाला उर्दू रिफ्रेशर कोर्स के मुख्य अतिथि डीन, छात्र कल्याण, प्रोफेसर रफीउद्दीन और विशिष्ट अतिथि डीन, सामाजिक विज्ञान संकाय, प्रोफेसर शाफे किदवई ने शिक्षकों से उर्दू सिखाने के आधुनिक उपकरणों में पारंगत हासिल करने का आव्हान किया।
प्रोफेसर रफीउद्दीन ने कहा कि स्कूलों में आधुनिक शिक्षण पद्धतियों से उर्दू छात्रों की रुचि बढ़ेगी। बेहतर परिणामों के लिए उर्दू शिक्षकों के लिए आधुनिक शिक्षण उपकरणों को सीखना और उनका प्रयोग करना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज में बदलाव के अग्रदूत हैं और उन्हें आधुनिक शिक्षण उपकरणों की भी जानकारी होनी चाहिए।
प्रोफेसर शाफे किदवई ने कहा कि उर्दू की बेहतरीन शिक्षा और विकास के लिए नर्सरी से लेकर उच्च कक्षाओं तक उर्दू की शिक्षण प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने विभिन्न स्तरों पर उर्दू पाठ्यक्रम में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।
अध्यक्षीय भाषण में अकादमी के निदेशक प्रो. कमरुल हुदा फरीदी ने कहा कि एएमयू के दस स्कूलों के 18 उर्दू शिक्षकों ने रिफ्रेशर कोर्स में भाग लिया और उर्दू शिक्षण के आधुनिक तरीकों को सीखा। उन्होंने कहा कि रिसोर्स पर्सनों ने कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सत्रों का आयोजन किया, जिसमें उर्दू कथा, गद्य और आलोचना शिक्षण में आधुनिक उपकरणों और तकनीकी सहायता का उपयोग करने सहित विभिन्न विषयों को शामिल किया गया।
डॉ. मुश्ताक सदफ ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि डॉ. रफीउद्दीन ने धन्यवाद ज्ञापन किया।