प्रशासनिक सुधारों के तहत बड़ा फेरबदल
लखनऊ, 5 मार्च (हिन्दुस्तान मिरर) – उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक सुधारों को आगे बढ़ाते हुए राज्य के विभिन्न जिलों और मंडलों में 41 पीसीएस अधिकारियों का तबादला किया है। इस फेरबदल का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यकुशलता को बढ़ाना और सरकारी कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करना है। इस आदेश के तहत कई अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
मुख्य ट्रांसफर और नई तैनातियां
- जैनेंद्र सिंह – एडीएम प्रशासन, देवरिया।
- दिनेश – मुख्य राजस्व अधिकारी, मऊ।
- पूर्णिमा सिंह – एडीएम प्रशासन, बरेली।
- भानु प्रताप यादव – अपर आयुक्त, सहारनपुर मंडल।
- अतुल कुमार – अपर आयुक्त, आजमगढ़ मंडल।
- राजीव पांडेय – एडीएम न्यायिक, इटावा।
- मनोज कुमार तिवारी – अपर आयुक्त, बस्ती मंडल।
- विनोद कुमार पांडेय – नगर मजिस्ट्रेट, फिरोजाबाद।
- संजीव कुमार शाक्य – एडीएम नमामि गंगे, प्रयागराज।
- ज्ञानेश्वर प्रसाद – एडीएम न्यायिक, मैनपुरी।
- खालिद अंजुम – एडीएम न्यायिक, सीतापुर।
- भारत राम – एडीएम न्यायिक, बुलंदशहर।
न्यायिक अधिकारियों की तैनाती में बदलाव
इस फेरबदल के तहत न्यायिक अधिकारियों की तैनाती में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को नए जिलों में भेजा गया है, जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- अशोक कुमार यादव – एडीएम न्यायिक, ललितपुर।
- संदीप कुमार श्रीवास्तव – एडीएम न्यायिक, बदायूं।
- जंग बहादुर यादव – एडीएम न्यायिक, रामपुर।
- ज्ञान प्रकाश यादव – एडीएम न्यायिक, सिद्धार्थनगर।
- रमेश चंद्र – एडीएम न्यायिक, सोनभद्र।
- राजेश चंद्र – एडीएम न्यायिक, मेरठ।
- राम आसरे वर्मा – एडीएम न्यायिक, सहारनपुर।
- मंजूर अहमद अंसारी – एडीएम न्यायिक, कासगंज।
- देश दीपक सिंह – एडीएम न्यायिक, बरेली।
- संजय कुमार सिंह – उप निदेशक, मंडी परिषद, लखनऊ।
नगर निगम और जिलों में नई नियुक्तियां
नगर निगम और अन्य महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर भी नई नियुक्तियां की गई हैं, जो इस प्रकार हैं:
- लवी त्रिपाठी – अपर नगर आयुक्त, नगर निगम मेरठ।
- आशुतोष राय – अपर नगर आयुक्त, नगर निगम मुरादाबाद।
- अंगद यादव – उप जिलाधिकारी, बुलंदशहर।
सरकार की मंशा और संभावित प्रभाव
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए इस प्रशासनिक फेरबदल का उद्देश्य राज्य में सुशासन को और अधिक मजबूत करना है। अनुभवी अधिकारियों की तैनाती से कानून व्यवस्था, राजस्व प्रबंधन, और विकास कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। सरकार का मानना है कि इससे प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ेगी, जिससे आम जनता को लाभ मिलेगा।
यह फेरबदल राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।