हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 22 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के अजमल खां तिब्बिया कॉलेज में यूनानी चिकित्सा छात्रों को अब पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिला है। इसके साथ ही कॉलेज में फेफड़ों की जांच के लिए आधुनिक पीएफटी सुविधा की शुरुआत की गई है, जो रोगियों के लिए बड़ी राहत साबित होगी।
प्रशिक्षण सत्र का आयोजन और विशेषज्ञों की भागीदारी
मुआलीजात विभाग के प्रोफेसर बदरुद्दुजा खान और डॉ. जमाल अजमत के निर्देशन में कॉलेज के सीपीआर लैब में एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में ल्यूपिन रेस्पिरा के विशेषज्ञ पंकज शर्मा ने छात्रों को पीएफटी मशीन की कार्यप्रणाली और इसके उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
आधुनिक चिकित्सा में व्यावहारिक प्रशिक्षण का महत्व
प्रोफेसर बदरुद्दुजा खान ने यूनानी चिकित्सा में व्यावहारिक प्रशिक्षण को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) फेफड़ों की बीमारियों का जल्दी पता लगाने और उनके बेहतर इलाज में मदद करेगा। डॉ. जमाल अजमत ने बताया कि इस परीक्षण के माध्यम से अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का सटीक निदान किया जा सकेगा।
छात्रों को व्यावहारिक अनुभव
इस सत्र के दौरान छात्रों ने मरीजों पर परीक्षण कर व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। इससे न केवल उनके ज्ञान में वृद्धि हुई, बल्कि उन्होंने श्वसन देखभाल और रोग प्रबंधन के व्यावहारिक पहलुओं को भी समझा।
अन्य प्रमुख भागीदारों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में सहायक प्रोफेसर डॉ. एस. जावेद अली के साथ-साथ श्री अहमर मेराज और आरिफ ने भी भाग लिया। सभी ने इस पहल को यूनानी चिकित्सा शिक्षा के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
अजमल खां तिब्बिया कॉलेज में शुरू की गई यह नई सुविधा और प्रशिक्षण यूनानी चिकित्सा में नई ऊंचाइयों की ओर कदम बढ़ाने का संकेत है। यह पहल न केवल छात्रों को बेहतर प्रशिक्षित करेगी, बल्कि रोगियों के लिए उन्नत और सटीक उपचार उपलब्ध कराएगी।