उत्तराखंड में आज, 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है,

उत्तराखंड में आज, 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है, जिससे यह कानून लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। यूसीसी के तहत विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, गोद लेना और उत्तराधिकार जैसे विषयों पर सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू होगा, चाहे उनका धर्म, जाति या संप्रदाय कुछ भी हो।

इस कानून के लागू होने के साथ ही कई नियमों में बदलाव किए गए हैं। उदाहरण के लिए, अब सभी विवाह और लिव-इन संबंधों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। इसके लिए जोड़ों को अपना नाम, उम्र का प्रमाण, धर्म और आधार विवरण उपलब्ध कराना होगा। साथ ही, इन संबंधों से उत्पन्न बच्चों का पंजीकरण भी आवश्यक होगा, जिसे जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने के सात दिनों के भीतर अपलोड करना होगा।

उत्तराधिकार और वसीयत के मामलों में भी अब घोषणाकर्ता, वारिसों और गवाहों के आधार विवरण देने की आवश्यकता होगी। गवाहों को उत्तराधिकार घोषणा पढ़ते हुए अपनी वीडियो रिकॉर्डिंग भी अपलोड करनी होगी। इसके साथ ही, कानूनी उत्तराधिकारियों की स्पष्ट घोषणा करनी होगी।

यूसीसी के प्रावधानों को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने एक पोर्टल और मोबाइल ऐप भी तैयार किया है, ताकि पंजीकरण और अपील सहित अन्य सुविधाएं ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध हो सकें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यह कानून समाज में सामाजिक समानता और न्याय की दिशा में एक मिसाल बनेगा, विशेषकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलेगा

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