हिन्दुस्तान मिरर: उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्व बैंक के सहयोग से ‘कृषि विकास एवं ग्रामीण उद्यमिता सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम’ (यूपी एग्रीस) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य राज्य में कृषि उत्पादन बढ़ाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
परियोजना का वित्तीय ढांचा:
• कुल बजट: 4000 करोड़ रुपये
• विश्व बैंक का योगदान: 70% ऋण (लगभग 2800 करोड़ रुपये)
• ऋण अवधि: 35 वर्ष में चुकाया जाएगा
लाभार्थी जिले:
इस परियोजना का मुख्य फोकस पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों पर है, जहां कृषि उत्पादकता अपेक्षाकृत कम है।
परियोजना के प्रमुख उद्देश्य:
• कृषि उत्पादकता में वृद्धि और किसानों की आय में सुधार
• कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन
• किसानों को तकनीकी सहायता और इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा प्रदान करना
विशेष पहल:
• जेवर एयरपोर्ट के पास एक बड़े वेयरहाउस और एक्सपोर्ट हब की स्थापना की जाएगी, जिससे प्रदेश में उत्पादित फल और सब्जियों को विदेशों में निर्यात किया जा सकेगा।
• यह देश की पहली परियोजना होगी, जिसके माध्यम से कार्गो प्लेन से विदेशों में फल और सब्जियां पहुंचाई जाएंगी।
कृषि उत्पादन की वर्तमान स्थिति:
उत्तर प्रदेश वर्तमान में 40 मिलियन टन फल और सब्जियों का उत्पादन करता है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का वक्तव्य:
मुख्य सचिव ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से किसानों को मौसम की जानकारी, रोगों की आशंका और अन्य तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।
विश्व बैंक का समर्थन:
विश्व बैंक ने उत्तर प्रदेश में कृषि प्रणालियों के आधुनिकीकरण के लिए इस परियोजना को समर्थन दिया है, जिससे 10 लाख किसानों को लाभ होगा।
यह परियोजना उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
रिपोर्ट: हिन्दुस्तान मिरर