अलीगढ़, 16 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मनाए जाने वाले राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में युवा संसद का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य एमबीबीएस छात्रों को समकालीन मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रदान करना था।
विषय: ‘युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया का प्रभाव’
कार्यक्रम का विषय ‘युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया का प्रभाव’ था। इस पर चर्चा के लिए छात्रों ने ‘डिजिटल डिटॉक्स बिलः युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया को विनियमित करना’ के प्रस्ताव पर अपने विचार रखे।
सरकारी टीम: सोशल मीडिया विनियमन की वकालत
2023 बैच के एमबीबीएस छात्रों द्वारा प्रतिनिधित्व की गई सरकारी टीम ने आर्यन प्रताप सिंह के नेतृत्व में सोशल मीडिया को विनियमित करने की वकालत की। उन्होंने अपने तर्कों में इंटरनेट की लत, साइबर अपराधों और मानसिक स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों पर जोर दिया।
विपक्षी टीम: सोशल मीडिया के अति-नियमन का विरोध
2024 बैच के एमबीबीएस छात्रों द्वारा प्रतिनिधित्व और मोहम्मद हाशिर के नेतृत्व में विपक्षी टीम ने बिल के खिलाफ अपने तर्क रखे। उन्होंने सोशल मीडिया की आधुनिक जीवन में अपरिहार्य भूमिका को रेखांकित किया और इंटरनेट के अति-नियमन के खतरे पर चेतावनी दी।
अध्यक्षीय भूमिका और सार्थक चर्चा
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ रेजिडेंट डॉ. कार्तिका पी ने की। उन्होंने सोशल मीडिया विनियमन के पक्ष और विपक्ष पर हो रही चर्चा में श्रोताओं को शामिल किया और इसे सार्थक दिशा प्रदान की।
जज पैनल और विजेताओं की घोषणा
प्रतियोगिता का आकलन एक प्रतिष्ठित जज पैनल ने किया, जिसमें शामिल थे:
• प्रो. सादिया सईद (फोरेंसिक मेडिसिन विभाग)
• डॉ. मोहम्मद सलमान शाह (कम्युनिटी मेडिसिन)
• डॉ. नाहिद अख्तर (नेत्र रोग विभाग)
आकलन के बाद, विपक्षी टीम को विजेता घोषित किया गया।
• मोहम्मद हाशिर को सर्वश्रेष्ठ वक्ता का पुरस्कार मिला।
• फैजान अख्तर को उप-सर्वश्रेष्ठ वक्ता घोषित किया गया।
टीमों का मार्गदर्शन और आयोजन
• टीम गाइड: डॉ. चंद्रमौली मित्रा, डॉ. प्रभाकरन, डॉ. अबिरामी एस, और डॉ. निशु मलिक
• संचालन: डॉ. शुभम उपाध्याय और डॉ. अजीता
यह आयोजन स्वामी विवेकानंद के विचारों और युवा शक्ति को प्रेरित करने की दिशा में एक सार्थक पहल के रूप में देखा जा रहा है।