प्रो. रेजावी ने किया केरल इतिहास कांग्रेस का उद्घाटन, ऐतिहासिक अभिलेखों की रक्षा पर दिया जोर

हिन्दुस्तान मिरर,अलीगढ़, 11 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर सैयद अली नदीम रेजावी और भारतीय इतिहास कांग्रेस के सचिव ने 10 जनवरी 2025 को पलक्कड़ में आयोजित केरल इतिहास कांग्रेस का उद्घाटन किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रो. रेजावी ने इतिहास को संरक्षित रखने और ऐतिहासिक अभिलेखों की अखंडता की रक्षा करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों को सुरक्षित रखना न केवल विद्वानों और शोधकर्ताओं की जिम्मेदारी है, बल्कि यह समाज की सामूहिक सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए भी आवश्यक है।

प्रोफेसर रेजावी ने इतिहास के विद्वानों और छात्रों से आह्वान किया कि वे उन व्यक्तियों और समूहों से सतर्क रहें जो मनगढ़ंत सामग्री पर भरोसा करके ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने भारत के इतिहास के विरूपण पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि ऐसे प्रयास न केवल देश के बहुलवादी अतीत को खतरे में डालते हैं, बल्कि यह देश की विविध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी बड़ा खतरा है। उन्होंने सही सोच रखने वाले सभी लोगों से अपील की कि वे वैचारिक या राजनीतिक लाभ के लिए किए जाने वाले ऐतिहासिक तथ्यों के हेरफेर का विरोध करें और समाज को जागरूक करें।

इस कार्यक्रम में केरल इतिहास कांग्रेस के अध्यक्ष वी. कार्तिकेयन नायर ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने इस सम्मेलन के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इतिहास को समझना और सहेजना केवल पुरातन काल की बातों को जानने का कार्य नहीं है, बल्कि यह समाज को अपने अतीत से जोड़ने और भविष्य के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने का माध्यम भी है।

इस अवसर पर विभिन्न प्रतिष्ठित विद्वानों और शोधकर्ताओं ने भी भाग लिया। उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों की जांच-पड़ताल और सत्यापन के महत्व पर जोर दिया और समाज में ऐतिहासिक साक्ष्यों की प्रामाणिकता को बनाए रखने के लिए नई तकनीकों और तरीकों को अपनाने की आवश्यकता पर चर्चा की। केरल इतिहास कांग्रेस के इस सत्र ने न केवल इतिहासकारों को एक मंच प्रदान किया बल्कि ऐतिहासिक अध्ययन और अनुसंधान के क्षेत्र में नई दिशाओं और संभावनाओं को भी उजागर किया।

कार्यक्रम के अंत में प्रो. रेजावी ने सम्मेलन के आयोजकों और प्रतिभागियों को उनके समर्पण और योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों को ऐतिहासिक तथ्यों और विरासत को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया और आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन इतिहास के शोध और अध्ययन में नई ऊंचाइयों को छुएगा।

रिपोर्ट – हिन्दुस्तान मिरर

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