हिन्दुस्तान मिरर: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हुआ। सुबह 5 बजे से ही संगम तट पर श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया, जो दिनभर जारी रहा। इस पहले स्नान में लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाई।
सुरक्षा और व्यवस्थाएँ
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। करीब 40,000 पुलिसकर्मी, 10 ड्रोन और 113 पानी के नीचे के ड्रोन की तैनाती की गई है। इसके अतिरिक्त, 2,700 AI कैमरे और 5 वज्र वाहन चौबीसों घंटे गश्त करेंगे।
आगामी स्नान पर्व
महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान 14 जनवरी को मकर संक्रांति का स्नान पर्व होगा, जिसे पहला अमृत स्नान माना जाता है। इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान होगा।
कल्पवास और श्रद्धालुओं की संख्या
महाकुंभ में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के कल्पवास करने का अनुमान है। इस दौरान वे नियमपूर्वक एक माह तक संगम तट पर निवास करते हैं और जप, तप, ध्यान, पूजन तथा सत्संग करते हैं।
महाकुंभ 2025 के पहले स्नान ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक भी है।