हिन्दुस्तान मिरर: बुलंदशहर जिले के बुगरासी कस्बे की निवासी 43 वर्षीय कविता ने मेरठ के केएमसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के 6 डॉक्टरों पर उनकी किडनी निकालकर बेचने का गंभीर आरोप लगाया है। अदालत के आदेश पर नरसैना थाना पुलिस ने इन डॉक्टरों के खिलाफ मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 की धारा 18, आईपीसी की धारा 120 बी, 326, 506 के तहत मामला दर्ज किया है।
मामले का विवरण:
• इलाज और ऑपरेशन (2017): कविता ने बताया कि वह 2017 में बुखार के इलाज के लिए मेरठ के केएमसी अस्पताल गई थीं, जहां डॉ. सुनील गुप्ता ने ऑपरेशन की सलाह दी। 20 मई 2017 को उनका ऑपरेशन हुआ और 24 मई को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल ने आश्वासन दिया कि उनके गुर्दे ठीक कर दिए गए हैं और वह स्वस्थ हो जाएंगी।
• किडनी गायब होने का पता (2022): कविता का आरोप है कि 28 अक्टूबर 2022 को जब उन्होंने अन्य डॉक्टर से अल्ट्रासाउंड जांच कराई, तो पता चला कि उनकी बाईं किडनी गायब है। इससे पहले, 25 मई 2022 को भी उन्होंने जांच कराई थी, जिसमें किडनी गायब होने की पुष्टि हुई थी।
• शिकायत पर धमकी और मारपीट: कविता का दावा है कि जब उन्होंने 25 मई 2022 को केएमसी अस्पताल में जाकर किडनी निकालने की शिकायत की, तो डॉ. सुनील गुप्ता और उनके सहयोगियों ने उनके साथ मारपीट की, दस्तावेज छीन लिए और धमकी दी।
आरोपी डॉक्टरों के नाम:
1. डॉ. सुनील गुप्ता (सर्जन)
2. डॉ. प्रतिभा गुप्ता
3. डॉ. अजय एन. वत्स (एमडी, रेडियोलॉजी)
4. डॉ. निकिता जग्गी (एमडी)
5. डॉ. सतीश कुमार अरोरा (एमबीबीएस, एमडी)
6. डॉ. सीमा वार्ष्णेय (एमडी, वार्ष्णेय क्लीनिक पैथोलॉजी)
7. एक अज्ञात कर्मचारी
नरसैना थाना प्रभारी निरीक्षक चंदगीराम सिंह ने बताया कि अदालत के आदेश पर इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
अस्पताल प्रबंधन का पक्ष:
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पूरा मामला झूठे तथ्यों पर आधारित है और उपभोक्ता फोरम में भी यह मामला विचाराधीन है। वे कोर्ट के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
यह मामला चिकित्सा क्षेत्र में गंभीर अनियमितताओं की ओर संकेत करता है। पुलिस ने अदालत के आदेश पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को निराधार बताया है और उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही है। जांच के बाद ही सच्चाई का पता चल सकेगा।