हिन्दुस्तान मिरर: पूर्व एमएलसी की 900 बीघा जमीन हड़पने का मामला: भू-माफिया गैंग पर सीबीआई जांच की मांग

सहारनपुर: पूर्व विधान परिषद सदस्य हाजी इकबाल की पत्नी फरीदा बेगम ने भू-माफिया गैंग द्वारा उनकी 900 बीघा जमीन हड़पने का गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीबीआई और एसआईटी जांच की मांग की है। उन्होंने बताया कि यह गैंग बांग्लादेशी महिलाओं को शरण देकर उनके फर्जी आधार कार्ड बनवाकर उनका इस्तेमाल करता है।

मुख्य आरोपी पर गंभीर आरोप

फरीदा बेगम ने बताया कि इस गैंग का मुख्य सरगना बांग्लादेशी महिलाओं को लाकर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार करवाता है। इन महिलाओं का इस्तेमाल वह धोखाधड़ी और अन्य अपराधों में करता है। उन्होंने बताया कि इस गैंग ने उनके परिवार के सदस्यों को फर्जी मुकदमों में फंसाने के लिए पुलिस के साथ मिलकर साजिश रची।

फर्जी मुकदमों में फंसे परिवार के सदस्य

आरोप है कि गैंग ने पुलिस की मदद से हाजी इकबाल, उनके देवर महमूद अली और बेटों—मोहम्मद जावेद, मोहम्मद वाजिद, मोहम्मद अफजल, और आलीशान—को फर्जी मुकदमों में फंसाया है। इसके अलावा, उनकी बेटियों की जमीन भी बिना नोटिस के अटैच कर ली गई।

बिना नोटिस जमीनें अटैच करने का आरोप

फरीदा ने बताया कि एफआईआर 83/2022 गैंगस्टर एक्ट के तहत उनके परिवार की संपत्तियां अटैच की गईं, लेकिन किसी को कोई नोटिस नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटियां शादीशुदा हैं और उनके नाम की जमीन को भी अटैच कर लिया गया है।

जमीन और बागों की नीलामी की साजिश

फरीदा ने आरोप लगाया कि 11 जनवरी को बेहट के तहसीलदार, लेखपाल और अन्य अधिकारियों ने एक मीटिंग में उनके बागों की नीलामी की योजना बनाई। उन्होंने कहा कि तहसील के अधिकारियों ने गैंग के साथ मिलकर उनकी जमीनों के दस्तावेज कूट रचित कर बेचे हैं।

सीबीआई जांच की मांग

फरीदा बेगम ने मुख्यमंत्री से मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई और एसआईटी से कराने की गुजारिश की है। उनका मानना है कि इस जांच से गैंग द्वारा की गई धोखाधड़ी और अन्य अपराधों का खुलासा हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसी से उन्हें और उनके परिवार को न्याय मिल सकेगा।

डीआईजी द्वारा कार्रवाई पर आभार

फरीदा ने सहारनपुर के डीआईजी द्वारा इंस्पेक्टर नरेश कुमार को बर्खास्त करने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मामले में अन्य आरोपियों पर भी जल्द कार्रवाई होगी।

यह मामला केवल एक परिवार की जमीन से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसमें संगठित अपराध और प्रशासनिक चूक के गंभीर आरोप भी सामने आए हैं। यदि मामले की निष्पक्ष जांच होती है, तो यह न केवल पीड़ित परिवार के लिए बल्कि अन्य लोगों के लिए भी न्याय सुनिश्चित कर सकेगी।

रिपोर्ट : हिन्दुस्तान मिरर

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