वृक्षारोपण के लिए 2025-26 में लक्ष्य निर्धारित, शेखा झील की सफाई के निर्देश
काली नदी के किनारे होगा सघन नीम वृक्षारोपण, गंगा को निर्मल बनाए रखने पर जोर
हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 31 जनवरी 2025 : जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में कलक्टरेट सभागार में जिला पर्यावरण, वृक्षारोपण एवं गंगा सुरक्षा समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, जल स्रोतों की सफाई और गंगा नदी की सुरक्षा को लेकर अहम निर्णय लिए गए।
वर्ष 2025-26 के लिए वृक्षारोपण का लक्ष्य तय
बैठक में जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि वर्ष 2025-26 में जिले में 34 लाख 38 हजार पौधे रोपित किए जाएंगे। इसके लिए सभी विभागों को लक्ष्य आवंटित कर दिया गया है। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आपसी समन्वय से वृक्षारोपण स्थलों का चयन करें और समय रहते पौधों की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
इसके अलावा, पर्यावरण अनुश्रवण पोर्टल पर विभागीय अधिकारियों द्वारा सूचनाएं अपडेट न करने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निगम और जिला अर्थ एवं संख्या कार्यालय को निर्देश दिया कि वे मार्च 2024 से अब तक की सभी सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड करें ताकि जिले की रैंकिंग खराब न हो।
काली नदी के किनारे नीम का होगा सघन वृक्षारोपण
बैठक में पर्यावरणविद् सुबोध नंदन शर्मा ने काली नदी में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि अलीगढ़ समेत कई जिलों से होकर गुजरने वाली काली नदी का जल गंभीर रूप से प्रदूषित हो रहा है, जिससे जलीय जीवों और आसपास की भूमि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। चीनी मिलों और औद्योगिक इकाइयों के अपशिष्ट से नदी में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।
पर्यावरणविद् ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए नदी किनारे नीम के वृक्षों का सघन वृक्षारोपण कराने का सुझाव दिया, जिसे जिलाधिकारी ने स्वीकार कर संबंधित अधिकारियों को इसे प्राथमिकता से लागू करने के निर्देश दिए।
शेखा झील की होगी समुचित सफाई
बैठक में शेखा झील की साफ-सफाई और जल संरक्षण पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि झील से जलकुंभी को पूरी तरह हटाया जाए, ताकि उसकी जड़ें नष्ट हो सकें और दोबारा उगने की संभावना न रहे। उन्होंने झील की अन्य व्यवस्थाओं को भी सुधारने के निर्देश दिए।
गंगा को निर्मल और अविरल बनाए रखने पर जोर
जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक में डीएफओ ने बताया कि अतरौली तहसील में लगभग 12 किलोमीटर क्षेत्र में गंगा नदी बहती है और उसके किनारे 12 गांव स्थित हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा को स्वच्छ और अविरल बनाए रखने के लिए स्थानीय नागरिकों को जागरूक और प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि नदियों में ठोस एवं द्रव अपशिष्ट पदार्थों को बहाने से रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं।
इसके अलावा, गंगा संरक्षण के लिए मनरेगा योजना के तहत कार्य कराने के भी निर्देश दिए गए। डीएम ने कहा कि पूर्व में रोपित पौधों की देखभाल सुनिश्चित की जाए ताकि उनकी जीवितता बनी रहे।
बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में डीडीओ आलोक आर्य, उप निदेशक कृषि यशराज सिंह, डीएलसी सियाराम, सीवीओ डॉ. दिवाकर त्रिपाठी, सहायक आयुक्त उद्योग बृजेश कुमार समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।