‘यूरोगायनाकॉलोजी अंडर स्टेंडिंग एण्ड अपडेट पर पांच दिवसीय ज्ञान पाठ्यक्रम का शुभारंभ

हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 17 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालिज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में ‘यूरोगायनाकॉलोजी अंडर स्टेंडिंग एण्ड अपडेट’ पर भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के पांच दिवसीय ज्ञान पाठयक्रम का आज शुभारंभ हुआ। जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय चिकित्सक प्रतिभागियों को यूरोगायनाकोलोजी के क्षेत्र में नवीनतम उपचार व प्रबंधन के बारे में अवगत कराएंगे।

ज्ञान पाठ्यक्रम का उद्घाटन आज मेडिकल कालिज में मुख्य अतिथि इंग्लैंड के बरमिंघम के यूरोगायनाकॉलोजी लीड यूनिवर्सिटी हास्प्टिल में कंसलटेंट डा. अफ्शां खाजा ने किया। उन्होंने कहा कि मूत्र असंयम एक आम समस्या है, इस समस्या से दुनिया भर में लाखों महिलायें प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का यह प्रयास हो कि इससे प्रभावित महिलायें को गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध हो ताकि वह बेहतर जीवन गुजार सकें।

मानद् अतिथि स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो. सीमा हकीम (सेवानिवृत) ने कहा कि अपनी प्रेक्टिस के दौरान उन्होंने पाया कि भारत में महिलायें यूरोगायनॉकोजिकल समस्याओं के उपचार के लिए किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करती हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक कलंक और आर्थिक परेशानियों के चलते अक्सर उनके उपचार में देर हो जाती है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को नवीनतम ज्ञान और कौशल में भी पारंगत होना चाहिए ताकि महिलाओं को प्रभावी उपचार सुविधा उपलब्ध हो सकें।

मेडिसन संकाय के डीन, कालिज के प्रिन्सिपल एवं सीएमएस प्रो. मोहम्मद हबीब रजा ने कोर्स के आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि यह कोर्स प्रतिभागियों को यूरोगायनाकॉलोजी के क्षेत्र में नवीनतम जानकारी से परिचित होने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने सभी विभागों के अध्यक्षों से और अधिक संख्या में ज्ञान प्रोजेक्ट के लिए आवेदन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालिज में यूरोगायनाकॉलोजी ओपीडी को प्रारंभ करने के प्रयास भी किये जायेंगे।

ज्ञान कोर्स की स्थानीय समन्वयक प्रो. विभा शर्मा ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि बड़ी संख्या में चिकित्सक इस कोर्स में प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा पूर्ण रूप से सहायता प्राप्त है और इस अवसर का भरपूर तरीके से प्रयोग किया जाना चाहिए। प्रो. शर्मा ने कहा कि वर्तमान में एएमयू में ज्ञान के 25 पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं और उनका लक्ष्य है कि यहां पचास विभागों में यह पाठ्यक्रम संचालित हो। उन्होंने महत्वपूर्ण विषय पर कोर्स अयोजन के लिए प्रतिभागियों को बधाई दी।

स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष प्रो. जेहरा मोहसिन ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में नित्य नए शोध कार्य हो रहे हैं और एक चिकित्सक के लिए आवश्यक है कि वह इससे परिचित हों। उन्हों कहा कि जेएन मेडिकल कालिज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में भ्रूण मेडिसन और आईवीएफ के पहले से विशेष क्नीनिक चल रहे हैं और शीघ्र ही यूरोगायनाकालोजी का क्नीनिक भी प्रारंभ किया जाएगा। प्रो. जेहरा मोहसिन ने कहा कि भारत में 25 से 40 प्रतिशत महिलायें इस रोग से पीडित हैं। इसलिये आवश्यक है कि पीड़ित महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए नवीनतम जानकारी से लैस होना जरूरी है।

कोर्स कोर्डीनेटर डाक्टर शाजिया परवीन ने कहा कि इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में महिलाओं में होने वाले मूत्र संबंधी रोग एवं उससे संबंधित प्रजनन अंगों में होने वाली समस्याओं पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में महिलायें शर्म एवं लज्जा के कारणवश मूत्र संबंधी समस्यायें चिकित्सक या परिजनों से साझा करने में संकोच करती हैं। जबकि इन समस्याओं का निराकरण आसानी से हो सकता है। उन्होंने कहा कि गायनाकॉलोजी विभाग इस क्षेत्र में शुरूआत दिनों से ही योगदान देता चला आ रहा है और भविष्य में इसे और बेहतर करने के लिए प्रतिबद्व है। उन्होंने बताया कि इसमें इंग्लैंड की डाक्टर अफशां खाजा और एम्स नई दिल्ली के प्रो. जेबी शर्मा यूरोगायनाकालोजी से संबंधित समस्याओं और समाधान पर चर्चा करेंगे।

कार्यक्रम का संचालन विभाग में असिस्टेंट प्रो. डाक्टर मरियम फारूकी ने किया। इस कोर्स में 95 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

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