एएमयू कर्मचारियों और छात्रों के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन करेगा

हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 18 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों में डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से साइबर सुरक्षा जागरूकता समिति का गठन किया है। यह पहल भारत सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘साइबर सुरक्षा मिशन’ योजनाओं का एक हिस्सा है, जो एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण के लिए माहौल तैयार करती है।

इस समिति में कंप्यूटर विज्ञान विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर अरमान रसूल फरीदी को समन्वयक नियुक्त किया गया है, जबकि पीएमएनएफ कंप्यूटर सेंटर के निदेशक, डॉ. परवेज एम. खान और कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर इजहारुद्दीन समिति के सदस्य होंगे। इन तीनों के नेतृत्व में एएमयू समुदाय के लिए ऑनलाइन साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी।

प्रोफेसर फरीदी ने कहा है कि विश्वविद्यालय और स्कूल के छात्र सुरक्षित डिजिटल भविष्य को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को साइबर सुरक्षा के बारे में ज्ञान से लैस किया जाना चाहिए, ताकि वे प्रौद्योगिकी, खासकर डिजिटल इंडिया की पहलों जैसे आधार-लिंक्ड सेवाएं, डिजिटल भुगतान और ई-गवर्नेंस के उपकरणों का जिम्मेदारी से उपयोग कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि इन कार्यशालाओं के लिए छात्र पंजीकरण की जानकारी जल्द ही दी जाएगी।

साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान के पहले चरण के तहत, एएमयू कर्मचारियों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी दोनों शामिल होंगे। इस कार्यशाला में साइबर सुरक्षा के बुनियादी सिद्धांत, खतरों की पहचान, और सुरक्षित ऑनलाइन लेन-देन के बारे में जानकारी दी जाएगी।

कर्मचारियों को इस पहल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने और व्यापक जागरूकता उत्पन्न करने के लिए विश्वविद्यालय के कार्यालय प्रमुखों से अनुरोध किया गया है। इच्छुक कर्मचारी इस कार्यशाला में भाग लेने के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पूर्व-पंजीकरण कर सकते हैं। कार्यशाला को सफलतापूर्वक पूरा करने पर पंजीकृत प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।

प्रोफेसर फरीदी ने कहा कि इन पहलों के माध्यम से एएमयू का उद्देश्य साइबर सुरक्षा जागरूकता और डिजिटल जिम्मेदारी की एक मजबूत संस्कृति का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि एक साइबर जागरूक विश्वविद्यालय राष्ट्रीय डिजिटल सुरक्षा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *