आज़रत अली का जीवन अनेकों प्रेरणााअें से भरा हैः .एएमयू में अली दिवस पर हजरत अली को याद किया गया


अलीगढ़ 5 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की अली सोसाइटी द्वारा कैनेडी ऑडिटोरियम में हजरत अली की जयंती के अवसर पर आयोजित 72वें अली दिवस स्मृति समारोह में अनेक गणमान्य व्यक्तियों, प्रख्यात विद्वानों और कवियों ने इस्लाम के चैथे खलीफा हजरत इमाम अली को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और लोगों को उनके व्यक्तित्व से सीख लेने का आव्हान किया।
कुलपति प्रो. नईमा खातून ने अपने अध्यक्षीय भाषण में शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया और हजरत इमाम अली से ज्ञान प्राप्त करने और प्रेरणा लेने का आग्रह किया, जिन्हें उनकी मानवतावादी शिक्षाओं और उपदेशों के लिए बाब-अल-इल्म (ज्ञान का प्रवेश द्वार) भी कहा जाता है।


भारत में इस्लामी गणराज्य ईरान के राजदूत डॉ. इराज इलाही ने पिछले 70 वर्षों से अधिक समय से एएमयू में आयोजित अली दिवस समारोहों का विशेष संदर्भ देते हुए भारत और ईरान के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला।
मानद अतिथि, लद्दाख से लोकसभा सांसद मोहम्मद हनीफा ने लोगों के कल्याण पर केंद्रित हजरत इमाम अली द्वारा निर्धारित सिद्धांतों पर नैतिक नेतृत्व और सार्वजनिक सेवा की प्रासंगिकता को रेखांकित किया।


मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू), हैदराबाद के छात्र कल्याण डीन प्रो. अलीम अशरफ ने हजरत अली की विरासत पर बात की, जिन्होंने समुदायों के बीच एकजुटता का आग्रह किया। अंबेडकर नगर (टांडा) के सामाजिक कार्यकर्ता श्री धर्मवीर सिंह बग्गा ने हजरत अली के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त की और उन्हें सामाजिक न्याय लाने और कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए एक नायक और रोल मॉडल कहा।


मुंबई के इस्लामी विद्वान मौलाना सैयद मोहम्मद जकी ने इमाम अली के उपदेशों पर चर्चा की, और न्याय, मानवाधिकार और नैतिक नेतृत्व के प्रति उनके समर्पण पर प्रकाश डाला।
अतिथि कवि नायब बलयावी और वसीम अमरोहवी ने हजरत अली के व्यक्तित्व और एक राजनेता के तौर पर उनकी प्रशंसा करते हुए कविताएँ सुनाईं।
अली सोसाइटी के संरक्षक डॉ. मोहम्मद असगर ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो. मजहर अब्बास ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वासिफ हुसैन कार्यक्रम समन्वयक थे।
इस अवसर पर आयोजित निबंध लेखन, भाषण और पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरूस्कृत किया गया। निबंध प्रतियोगिता में सहाब कौसर को प्रथम पुरस्कार मिला, जबकि दरखशां और तरन्नुम नाज को दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला। शमा फात्मा और सिब्ते सुघरा को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।


भाषण प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार अरीशा मलिक, दूसरा पुरस्कार सैयद इस्माइल कुली और तीसरा पुरस्कार सहाब कौसर और मोहम्मद हसन को दिया गया। मंसूरा मूसवी को सांत्वना पुरस्कार मिला।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार नईमा खानम को दिया गया, जबकि अलीना और हिबा नाज ने क्रमशः दूसरा और तीसरा पुरस्कार जीता। सांत्वना पुरस्कार बुशरा नाज को दिया गया।

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