जिलास्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई की बैठक में कृषि निर्यातक व अधिकारी रहे उपस्थित
जिले में आलू के क्लस्टर तैयार कराए जाने के दिए निर्देश
हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 10 मार्च 2025: जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के अंतर्गत जिलास्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में कृषि उत्पादों एवं प्रसंस्कृत वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं और अनुदानों पर चर्चा की गई।
कृषि निर्यात के लिए अनुदान और सुविधाएँ
जिलाधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है। वायु, रेल, सड़क एवं जल मार्ग से होने वाले परिवहन पर भाड़े का 25 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।
आलू उत्पादकों के लिए विशेष योजना
जिलाधिकारी ने उप निदेशक कृषि एवं जिला उद्यान अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले में 15 दिन के भीतर कम से कम 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू के क्लस्टर बनाए जाएँ ताकि आलू उत्पादक किसानों को निर्यात प्रोत्साहन नीति का लाभ मिल सके।
एफपीओ के लिए निर्देश
डीएम ने एफपीओ निर्यात एवं बाजार तत्परता सूचकांक पर 80 के सापेक्ष मात्र 01 एफपीओ द्वारा ब्यौरा अपलोड किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने शेष सभी एफपीओ को जल्द से जल्द दस्तावेज अपलोड करने के निर्देश दिए।
चिन्हित कृषि उत्पाद एवं निर्यात संभावनाएँ
ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक एवं सदस्य सचिव जनपदीय निर्यात समिति भगवती प्रसाद ने बताया कि अलीगढ़ से निर्यात के लिए गेहूं, बाजरा, मक्का, धान, सरसों, आलू, हरी सब्जियाँ, आम, अमरूद, पशु एवं डेयरी उत्पाद चिन्हित किए गए हैं। जिले के कृषकों, एफपीओ एवं एफपीसी के माध्यम से 50 हेक्टेयर भूमि के क्लस्टर बनाकर इन उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है।
निर्यात आँकड़े
भगवती प्रसाद ने जानकारी दी कि वर्ष 2023-24 में जिले से बफेलो मीट, इंस्टेंट चिकोरी पाउडर, रोस्टेड चिकोरी पाउडर, आलू एवं प्रसंस्कृत आलू पाउडर का कुल 85,164 मीट्रिक टन निर्यात किया गया, जिससे 2,031 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित हुई। वर्ष 2024-25 में दिसंबर 2024 तक 72,719 मीट्रिक टन का निर्यात कर 1,781 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित की गई।
जीआई उत्पादों की भूमिका
बैठक में बताया गया कि जीआई (भौगोलिक उपदर्शन) अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक ट्रेडमार्क के रूप में मान्य होता है, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है। यह अनाधिकृत प्रयोग पर अंकुश लगाता है एवं अधिकृत उपयोगकर्ताओं को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। जिले में वासमती चावल जीआई पंजीकृत उत्पाद है, जिसके 600 अधिकृत उपयोगकर्ता बनाए जा चुके हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि वासमती चावल के अधिकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ाई जाए।
खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला की स्थापना
अभिहित खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. दीनानाथ यादव ने बताया कि जिले में शीघ्र ही विभाग की एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। इसमें निर्यात के लिए खाद्य पदार्थों के नमूनों का विश्लेषण किया जा सकेगा।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में उप निदेशक कृषि यशराज सिंह, जिला कृषि अधिकारी धीरेन्द्र सिंह चौधरी, जिला उद्यान अधिकारी शिवानी तोमर, जिला गन्ना अधिकारी मनोज कुमार पाण्डे, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी दिवाकर त्रिपाठी सहित कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग के मंडलीय अधिकारी कमल कान्त त्यागी एवं विभिन्न एफपीओ, एफपीसी तथा कृषि निर्यातक उपस्थित रहे।