WhatsApp यूजर्स पर मंडरा रहा जासूसी का खतरा, “जीरो-क्लिक” स्पाइवेयर हमले से हड़कंप

हिन्दुस्तान मिरर | 06 फरवरी 2025

WhatsApp यूजर्स को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि एक बड़े साइबर हमले की खबर सामने आई है। इजरायली सर्विलांस कंपनी पैरागॉन सॉल्यूशंस से जुड़े एक स्पाइवेयर हमले ने करोड़ों यूजर्स को खतरे में डाल दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल पत्रकारों, एक्टिविस्ट्स और सिविल सोसाइटी के सदस्यों की जासूसी करने के लिए किया गया।

90 से अधिक यूजर्स पर हमले की कोशिश

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 90 यूजर्स को इस स्पाइवेयर से हैक करने की कोशिश की गई। ये यूजर्स दुनिया के दो दर्जन से अधिक देशों में स्थित थे, जिनमें यूरोप के कई नागरिक भी शामिल थे। इटली में इस हमले के कम से कम सात मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिसके बाद वहां की सरकार ने जांच शुरू कर दी है।

WhatsApp के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी को इस हमले की जानकारी है और प्रभावित यूजर्स को सूचित किया गया है। हालांकि, किसी विशेष व्यक्ति या देश का नाम उजागर नहीं किया गया।

कैसे काम करता है “जीरो-क्लिक” स्पाइवेयर?

यह स्पाइवेयर सबसे खतरनाक तकनीक “जीरो-क्लिक” हैक का उपयोग करता है। इसका मतलब यह है कि यूजर को किसी लिंक पर क्लिक करने की जरूरत नहीं होती, फिर भी उनका फोन हैक हो सकता है।

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, यह अटैक हैकर्स को टारगेट किए गए डिवाइस तक बिना किसी इंटरैक्शन के पहुंचने की अनुमति देता है। यह स्पाइवेयर डिवाइस में छिपकर मौजूद रहता है और यूजर की कॉल्स, मैसेज, लोकेशन और अन्य संवेदनशील डेटा को चुरा सकता है।

पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बनाया गया निशाना

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस खतरनाक स्पाइवेयर का उपयोग उन लोगों पर नजर रखने के लिए किया गया, जो सरकारों की नीतियों की आलोचना करते हैं या समाज के संवेदनशील मुद्दों पर काम कर रहे हैं।

हालांकि, पैरागॉन सॉल्यूशंस का कहना है कि उनका स्पाइवेयर केवल सरकारी एजेंसियों को बेचा जाता है, जो इसे अपराधियों और आतंकवादियों के खिलाफ इस्तेमाल करती हैं। लेकिन कई मामलों में यह तकनीक आम नागरिकों और एक्टिविस्ट्स के खिलाफ भी इस्तेमाल होती रही है, जिससे निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठ रहे हैं।

WhatsApp यूजर्स कैसे बच सकते हैं?

इस तरह के स्पाइवेयर हमलों से बचने के लिए यूजर्स को निम्नलिखित सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए:
1. WhatsApp और फोन का सॉफ्टवेयर अपडेट रखें – कई बार कंपनियां सुरक्षा खामियों को ठीक करने के लिए अपडेट जारी करती हैं।
2. अज्ञात नंबरों से आने वाले कॉल और मैसेज को अनदेखा करें।
3. फोन में कोई भी संदिग्ध ऐप डाउनलोड न करें।
4. अगर फोन की बैटरी असामान्य रूप से जल्दी खत्म हो रही है या डिवाइस स्लो हो गया है, तो उसे तुरंत जांचें।
5. अगर शक हो कि फोन हैक हो गया है, तो तुरंत फैक्ट्री रीसेट करें और पासवर्ड बदलें।

सरकारों की भूमिका और साइबर सुरक्षा की जरूरत

यह घटना बताती है कि साइबर हमलों से सुरक्षा के लिए सरकारों को मजबूत कानून और नीतियां बनानी होंगी। खासकर पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों की गोपनीयता की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी।

WhatsApp पर हुए इस हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षा का कोई पक्का उपाय नहीं है। ऐसे में हर यूजर को सतर्क रहना होगा और अपने डेटा की सुरक्षा के लिए सही कदम उठाने होंगे।

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