डॉ. मोहम्मद मोहसिन बने ऑल इंडिया उर्दू तिब्बी कॉन्फ्रेंस यूपी चैप्टर के महासचिव

उर्दू चिकित्सा के प्रचार-प्रसार में एक अहम कदम

हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 31 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के प्रतिष्ठित यूनानी चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद मोहसिन को ऑल इंडिया उर्दू तिब्बी कॉन्फ्रेंस (AIUTC), उत्तर प्रदेश चैप्टर का महासचिव नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति एआईयूटीसी की उत्तर प्रदेश में पुनः सक्रियता के बाद की गई है, जो उर्दू चिकित्सा पद्धति के संदर्भ में ऐतिहासिक महत्व रखती है।

डॉ. खालिद सिद्धीकी ने की नियुक्ति

इस नियुक्ति की घोषणा आधिकारिक रूप से डॉ. मोहम्मद खालिद सिद्धीकी, महासचिव, एआईयूटीसी, नई दिल्ली द्वारा की गई। डॉ. मोहसिन वर्तमान में एके तिब्बिया कॉलेज अस्पताल, अलीगढ़ में अमराज-ए-जिल्द वा जोहराविया (चर्म रोग एवं यौन रोग विभाग) के अध्यक्ष और उप चिकित्सा अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उनके चिकित्सा क्षेत्र में योगदान और संगठनात्मक अनुभव को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण पद सौंपा गया है।

यूपी चैप्टर में अन्य नियुक्तियाँ

डॉ. मोहसिन के अलावा, प्रो. (डॉ.) अनवर सईद, प्रबंध निदेशक, जामिया तिब्बिया, देवबंद को उत्तर प्रदेश चैप्टर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं, प्रो. बदरूद्दुजा खान, प्रिंसिपल, अजमल खां तिब्बिया कॉलेज, एएमयू अलीगढ़ को राज्य समन्वय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

1928 से यूनानी चिकित्सा के संवर्धन में अग्रणी है एआईयूटीसी

ऑल इंडिया उर्दू तिब्बी कॉन्फ्रेंस (AIUTC) की स्थापना 1928 में प्रसिद्ध यूनानी चिकित्सा विशेषज्ञ हकीम अजमल खान द्वारा की गई थी। यह संगठन यूनानी चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान, शिक्षा और नीति निर्धारण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

16 फरवरी को होगा सम्मान समारोह

नव नियुक्त पदाधिकारियों को 16 फरवरी को नई दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर देशभर के यूनानी चिकित्सा विशेषज्ञ, शोधकर्ता और नीति निर्धारक उपस्थित रहेंगे।

डॉ. मोहसिन ने जताया आभार, यूपी में यूनानी चिकित्सा को मजबूत करने की योजना

डॉ. मोहम्मद मोहसिन ने एआईयूटीसी के केंद्रीय निकाय और डॉ. मोहम्मद खालिद सिद्धीकी, पूर्व महानिदेशक, सीसीआरयूएम का आभार व्यक्त किया और उन पर जताए गए विश्वास के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में यूनानी चिकित्सा प्रणाली के विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई अहम योजनाएँ बनाई जा रही हैं। इनमें शैक्षिक सुधार, चिकित्सा अधिकारियों का सशक्तिकरण, अनुसंधान का विस्तार, फार्मेसी के क्षेत्र में सुधार और छात्रों के लिए नई पहल शामिल हैं। इन सभी महत्वपूर्ण विंग्स को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया जाएगा।

यह नियुक्ति यूनानी चिकित्सा के प्रचार-प्रसार और उत्तर प्रदेश में इसके पुनरुत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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